जब किसी व्यक्ति को हस्तमैथुन के कारण पैदा हुई कमजोरियां महसूस होने लगती हैं, तो वह अपनी इच्छाओं पर तो काबू पा लेता है, लेकिन मन पर काबू नहीं कर पाता और फिर मन बेकाबू होकर तरह-तरह के ख्याली पुलाव बनाता रहता है, जिसके फलस्वरूप उसे नींद में अश्लील दृश्य दिखाई देते हैं तथा किसी स्त्री से प्रेमक्रीड़ाएं स्वप्न में करके वीर्यपात हो जाता है और कपड़े गंदे हो जाते हैं। ऐसी स्थिति ही स्वप्नदोष कहलाती है। इस प्रकार बार-बार होता है, तो यह रोग समझा जाने लगता है। कभी-कभी हालात इतने गंभीर हो जाते हैं कि दिन हो या रात किसी भी समय सोते हुए व्यक्ति के कपड़े जरूर खराब हो जाते हैं।
बुरे विचार, हस्तमैथुन, अप्राकृतिक मैथुन, शरीर की गर्मी, वीर्य की गर्मी, वृक्कों/जिगर की गर्मी, काम-इच्छा बढ़ जाना, कब्ज़ बदहज़मी, पेट के बल सोना, अविवाहित रहना, भोजन करते ही सो जाना, रात को अधिक भोजन करना, पेट के कीड़े, उत्तेजक वस्तुओं का अधिक प्रयोग, स्तम्भन शक्ति की कमी, वीर्य की थैलियों की ऐंठन, हर समय स्त्री के विचारों में डूबे रहना, अश्लील पुस्तकें पढ़ना, या अश्लील वीडियो देखना आदि कारणों से यह रोग उत्पन्न हो जाता है। मानसिक कार्य की अधिकता, अत्यधिक चिंता, अवसाद भी इस रोग को उत्पन्न करने के कारण हैं।
यदि स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) महीने में 1-2 बार कुंवारे मनुष्य को हो जाये और ऐसा होने से वह कोई शारीरिक कमजोरी महसूस ना करे, तो यह स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) रोग का लक्षण नहीं समझा जाता। अत्यधिक स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) होने पर शरीर का कमजोर होना, चेहरे की रौनक एवं सुंदरता का नाश होना, शरीर में कई प्रकार के रोग होना, याददाश्त कमजोर होना, काम में मन न लगना, आँखों का धंस जाना, दृष्टि कमजोर होना, कायरता, सिर में दर्द व भारीपन बने रहना, थकावट-सुस्ती-आलस महसूस होना, कब्ज़, शीघ्रपतन, धातु रोग, शरीर व कमर दर्द, वीर्य का पतलापन, शुक्राणुओं की कमी आदि इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
स्वप्न के दौरान स्त्री से प्रेमक्रीड़ा करते हुए वीर्य निकल जाना स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) की पहचान होती है। स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) रोग की अधिकता में रात को या दिन में भी सोते समय स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) हो जाता है। इस रोग के अधिक गंभीर होने पर बिना स्वप्न के भी रोगी के कपड़े खराब हो जाया करते हैं और उसे एहसास तक नहीं होता। वह सुबह उठने पर ही कमजोरी महसूस होने व कपड़े खराब होने के कारण जान पाता है कि उसे स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) हुआ है।
यदि स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) का रोगी समय रहते इलाज नहीं करवाता है, तो परिणामस्वरूप वह गुप्त रोग व सेक्स समस्याओं से अवश्य पीड़ित होता है। शारीरिक व मानसिक रोग उसे घेर लेते हैं, जिसके कारण वह अपनी पढ़ाई-लिखाई व करियर पर ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाता और आत्मविश्वास खो देता है। एकांत में रहना उसकी आदत हो जाती है, दुबलापन उसकी पहचान हो जाती है और भूलना उसकी कमजोरी बन जाती है।
स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) से निराश परेशान गुप्त रोगी भाईयों को चेतन क्लिनिक की यही नेक सलाह है कि आप इधर-उधर के बेअसर नीम-हकीमी इलाजों के चक्कर में न उलझें तथा शरीर को खोखला बनाने वाली इस सेक्स समस्या से छुटकारा पाने के लिए सही सटीक इलाज लें, ताकि आपकी ताकत व जवानी का असली खजाना वीर्य आपके शरीर में ही सुरक्षित रहे।
प्र. 1) स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) बार-बार होने वाला रोग तो नहीं है?
नहीं, स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) बार-बार होने वाला रोग नहीं है। यदि संयमित जीवन शैली, योग, व्यायाम को निरंतर किया जाये और तामसिक आहार-विहार से बचा जाये, तो यह रोग फिर से नहीं होता।
प्र. 2) क्या शादी के बाद भी स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) रोग होता है?
जी हां, शादी के बाद भी स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) रोग हो जाया करता है। जो पुरूष शादी से पहले स्वप्नदोष की दवा नहीं करवाते, उन्हें शादी के बाद भी स्वप्नदोष के नुकसान होते रहते हैं।
प्र. 3) क्या स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) का इलाज संभव है?
जी बिल्कुल, स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) का इलाज संभव है। वैसे भी आजकल स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) होना एक आम समस्या है। इससे आपको घबराने या डरने की कोई जरूरत नहीं है। आप निश्चिंत होकर इलाज व परामर्श के लिए हमसे मिल सकते हैं।
प्र. 4) स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) को कैसे रोक सकते हैं?
निम्न कदम उठाकर स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) को रोका जा सकता है-
प्र. 5) स्वप्नदोष (नाईट फाॅल) की समस्या से कैसे निपटें?
पुराना स्वप्नदोष या नाईट फाॅल की समस्या से निपटने का एक मात्र सही सटीक तरीका स्वप्नदोष की आयुर्वेदिक दवा / नाईट फाॅल मेडिसिन करवाना ही है।
प्र. 6) स्वप्नदोेष के फायदे भी होते हैं क्या?
स्वप्नदोेष महीने में एक-दो बार वो भी केवल कुंवारे युवक को हो और स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) होने से उसे कोई कमजोरी महसूस न हो, तो इस स्थिति में स्वप्नदोष को रोग नहीं समझा जाता।
प्र. 7)क्या नियमित रूप से हस्तमैथुन करने से स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) रोग होता है?
यदि हस्तमैथुन उम्र सीमा और संयमित रहकर किया जाये, तो स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) रोग नहीं होता है। लेकिन यदि हस्तमैथुन अत्यधिक मात्रा में किया जाये, तो स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) रोग होने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
प्र. 8)नियमित स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) होने से कौन-कौन से गुप्त रोग हो सकते हैं?
स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) रोग होने पर चिंता बिल्कुल ना करें व हमारे द्वारा बताये गये उपाय व टिप्स को तुरन्त अपनायें। यदि स्वप्नदोेष का इलाज समय पर नहीं करवाया जाये, तो निम्न गुप्त रोग होने की संभावना बनी रहती है। जैसे- वीर्य का पतलापन, धातु रोग, शीघ्रपतन, मर्दाना कमज़ोरी, शुक्राणुओं की कमी के कारण बांझपन आदि।
प्र. 9)स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) की समस्या के लिए टिप्स:
स्वप्नदोेष (नाईट फाॅल) का अनुमान होते ही शर्म, संकोच छोड़कर चिकित्सा करायें।
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