हमारे क्लिनिक में रोजाना ही तरह-तरह के यौन रोगों से दुखी व सैक्स कमजोरी से परेशान निराश बहुत से रोगी भाई आते हैं जो स्वयं अपनी ताकत व जवानी की दुर्दशा बताते हैं तथा कई रोगी दिल्ली से दूर रहने के कारण अपनी अज्ञानता की कहानी और अपनी कमजोरी की कहानी बड़े ही दुख भरे शब्दों में लिखकर हमें पत्रा भेजते हैं जिनके हम उन्हें सही-सटीक लाभकारी सलाह देकर उत्तर देते हैं। एक दिन एक नवयुवक हमारे क्लिनिक में आया जो बहुत जल्दी में तथा घबराया हुआ सा लग रहा था। उस समय मेरे पास पहले ही एक रोगी बैठा हुआ था जब मैंने अपने सामने बैठे हुए रोगी को देख लिया तथा जरूरी इलाज व सलाह देकर उसे निश्चिंत होकर घर जाने को कहा तो फिर उस घबराए हुए जल्दबाज युवक को अपने पास बुला लिया तथा उससे उसकी परेशानी पूछी लेकिन वह चुपचाप बैठा रहा और मेरी बात का कोई उत्तर नहीं दिया। जब मैंने दो तीन बार उससे यही कहा कि बताओ भाई तुम्हें क्या परेशानी है तो वह अचानक जैसे किसी सपने से जागा हो और बेहद उदासी के साथ बोला कि क्या बताऊं डाक्टर साहब मैं बड़ी उलझन में फंस गया हूं मेरे घर वाले मेरी शादी करने के लिए कह रहें हैं तो मैंने उससे कहा यह तो खुशी की बात है इसमें घबराने की क्या जरूरत है। इस बात पर वह बोला डाक्टर साहब मैं शादी लायक नहीं हूं और मैं यह नहीं चाहता कि मेरे साथ शादी करने वाली लड़की की जिन्दगी खराब हो मुझे भी उसकी बात से हैरानी हो रही थी और मैंने फिर उससे पूछा कि तुम यह कैसे कह सकते हो कि तुम शादी के लायक नहीं हो तो उसने मुझे फिर अपनी पूरी कहानी इस तरह से सुनाई। उसने कहा कि जब मैं स्कूल में पढ़ता था तो वहां कुछ गलत दोस्तों के कहने में आकर हस्तमैथुन करने लगा जो मैंने बड़ी मुश्किल से दो साल पहले ही छोड़ी है। अब मेरी उम्र 24 साल की हो चुकी है लेकिन इन दो सालों से मुझे इतना स्वप्नदोष हो रहा है कि मैं इससे दुखी होकर कभी-कभी आत्महत्या कर लेने की बात भी सोचने लगता हूं क्योंकि मुझे इस 24 वर्ष की उम्र में इतनी कमजोरी महसूस हो रही है तथा चक्कर, अंधेरी, शरीर दर्द, सांस फूलना आदि की शिकायत बन चुकी है फिर भला मैं ऐसी शिकायतों और कमजोरी की हालत में अपने साथ शादी करने वाली लड़की की जिन्दगी तबाह क्यों करूं।
जब वह युवक अपनी सारी दुखभरी दास्तान सुना चुका तो मैंने उसे समझाया कि परमात्मा ने तुम्हें जिन्दगी जीने के लिए दी है। आत्महत्या जैसी बात सोचने के लिए नहीं दी। तुम्हारे पास बुद्धि है। तुम इस बुद्धि से अपनी कमजोरी व समस्या का सही इलाज करके पूरा समाधान पा सकते है जो भी समस्या मुझे तुमने बताई है यह समस्या सिर्फ तुम्हारी नहीं है। तुम जैसे अनगिनत नौजवानों को भी है। मेरे पास तो रोजाना ही ऐसे कई केस आते हैं। मुझे अनेकों ऐसे पुरूषों का भी पता है जो शादी से पहले बहुत हृष्ट-पुष्ट व शक्तिशाली थे। उनके चेहरे पर चमक, गालों पर लाली थी। उनका वीर्य भी बहुत गाढ़ा और पुष्ट था। लेकिन उनकी अपनी नादानियों व गल्तियों से उनके सुन्दर व चमकते हुए चेहरे पीले पड़ गए। शक्ति नाम की भी नहीं रहीं, वीर्य पानी की तरह पतला पड़ गया। लेकिन अब वे सभी फिर दोबारा से अपनी खोई हुई सेहत-शक्ति व तन्दरूस्ती प्राप्त कर चुकें है और खुशी से शादी करके अपने विवाहित जीवन का भरपूर मौजमस्ती के साथ सच्चा सुख व आनन्द उठा रहें है। मैंने उस नवयुवक को सबसे पहले यही सलाह दी कि तुम अपने दिमाग से सारी चिन्ता निराशा तथा उदासी का बोझ उतार कर पूरी निष्ठा व धैर्य के साथ कुछ दिन हमारी राय के अनुसार हमारे सही-सटीक रोगानुसार नुस्खों वाले गुणकारी इलाज का इस्तेमाल करो ताकि तुम्हारे शरीर में शक्ति तन्दरूस्ती का संचार होकर चेहरे की रौनक फिर दुबारा से बन सके। हमारे गुणकारी इलाज से तुम्हारी हस्तमैथुन की आदत के कारण बनी इन्द्री के नसों की सारी कमजोरी दूर होगी तथा वीर्य भी पुष्ट व गाढ़ा बनेगा जिससे तुम्हें स्वप्नदोष की शिकायत से हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाएगी और तुम्हारे अन्दर शादी के लिए भी पूरा आत्मविश्वास जागृत होगा। मेरी सलाह पर उस नव युवक ने अपनी दवाई ली और चला गया।
कुछ दिनों बाद वहीं नव युवक दोबारा मेरे पास आया जिसे मैं खुद ही नहीं पहचान पाया क्योंकि मैंने तो उसका उदास-दुखी व कमजोर लटके हुए चेहरे वाला रूप देखा था। लेकिन अब तो वह आकर्षक तथा चेहरे पर भरपूर रौनक वाला नव-युवक लग रहा था। उसने मुझे आते ही अपनी शादी का कार्ड थमाया और अपनी खोई हुई पौरूष शक्ति को फिर दोबारा से वापिस दिलाने का शुक्रिया अदा किया तो मैं एक दम से उसे पहचान गया। मैंने उसे खुशहाल विवाहित जीवन व्यतीत करने की शुभकामनॅंाए दी। मेरा यह सब कुछ लिखने का कारण यह है कि ऐसी निराशाजनक तथा कमजोरी की स्थिति में किसी भी युवक को इतना घबराना नहीं चाहिए कि वह शादी की बात चलते ही घर से भाग जाने या आत्महत्या जैसी घटिया व कायरता पूर्ण बात अपने मन में सोच लें। ऐसे नवयुवकों को चाहिए कि वे अपने मन में उचित चिकित्सा द्वारा पूरा आत्मविश्वास जगाए और हमें हमारे क्लिनिक में आकर मिलें या फिर अपना हमदर्द मानते हुए पत्रा लिखें। हम उन्हें विश्वास दिलाते हैं कि हम उन निराश व भटके हुए नौजवानों को शादी से पहले के बाद कभी भी पत्नी के सामने कमजोरी के कारण शर्मिन्दा नहीं होने देंगे।
बी.ए.एम.एस. आयुर्वेदाचार्यों की टीम
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स्वास्थ पत्रिका ‘‘चेतन अनमोल सुख’’ के संपादक भी है
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